देशभर में IndiGo (इंडिगो) की उड़ानों के लगातार रद्द होने से यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। चार दिनों में 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द होने के बाद केंद्र सरकार को आपात कदम उठाने पड़े। भीड़ से भरे एयरपोर्ट्स और टिकटों के आसमान छूते दामों के बीच भारतीय रेल ने 89 स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।
रेलवे का आपात कदम
रेलवे ने शनिवार से तीन दिनों के लिए 89 स्पेशल ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है, जो देशभर में 100 से ज्यादा ट्रिप करेंगी। ये ट्रेनें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, पटना और हावड़ा जैसे ट्रैफिक-हैवी रूट्स पर चलाई जा रही हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, एयरपोर्ट्स पर बढ़ती भीड़ और टिकट न मिलने की समस्या के बाद यात्रियों का भारी रुझान रेलवे की ओर बढ़ गया था।
इंडिगो की मुश्किलें क्यों बढ़ीं?
इंडिगो ने सरकार को बताया है कि कंपनी को पायलटों की कमी, विंटर शेड्यूल में गड़बड़ी, और नए FDTL नियमों (जहाँ पायलटों को लंबा आराम देना अनिवार्य है) के कारण भारी परिचालन संकट का सामना करना पड़ा।
नई ड्यूटी लिमिट के चलते बड़ी संख्या में पायलट अनिवार्य आराम पर चले गए, जिससे उड़ानों की समयसारिणी बुरी तरह बिगड़ गई।
सरकार ने किराए पर लगाई सीमा
उड़ानों की भारी कमी का फायदा उठाकर कुछ रूट्स पर टिकट दाम ₹80,000–90,000 तक पहुंच गए थे। इसके बाद सरकार ने फौरन एयरलाइन किराए पर आपात सीमा तय कर दी—
- 500 किमी तक — ₹7,500
- 500–1,000 किमी — ₹12,000
- 1,000–1,500 किमी — ₹15,000
- 1,500 किमी से ज्यादा — ₹18,000
(टैक्स और एयरपोर्ट चार्ज अलग)
DGCA ने इंडिगो को नोटिस भेजा है और पूरा रिफंड ऑटोमैटिक देने का आदेश दिया है।
यात्रियों की दिक्कतें जारी
यात्रियों को अब भी रद्द उड़ानों, लंबी लाइनों और टिकट न मिलने की परेशानी झेलनी पड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक इंडिगो अपनी शेड्यूलिंग ठीक नहीं करता, तब तक रेलवे ही यात्रियों के लिए “Plan B” बना रहेगा।