इथियोपिया में 12,000 साल बाद ज्वालामुखी विस्फोट, राख भारत तक पहुँची

नई दिल्ली, 25 नवंबर 2025 इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित हायली गुब्बी (Hayli Gubbi) ज्वालामुखी ने लगभग 12,000 साल बाद 23 नवंबर को भयानक विस्फोट किया। स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के ग्लोबल वोल्केनिज्म प्रोग्राम के अनुसार, होलोसीन युग में इस ज्वालामुखी का यह पहला दर्ज विस्फोट है।

रविवार सुबह शुरू हुए विस्फोट से 14 किलोमीटर ऊँचाई तक राख और धुएँ का गुबार उठा। एरिता एले ज्वालामुखी श्रृंखला का हिस्सा यह ज्वालामुखी तीन टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन बिंदु पर स्थित है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि राख का बादल लाल सागर पार कर यमन, सऊदी अरब, ओमान, पाकिस्तान होते हुए 4,500 किमी दूर भारत तक पहुँच गया।

भारत में गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के ऊपरी वायुमंडल में राख की पतली परत देखी गई। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तरी भारत में उड़ानों के लिए चेतावनी जारी की। एयर इंडिया और इंडिगो ने कई घरेलू-विदेशी उड़ानें रद्द कीं या डायवर्ट कीं। विशेषज्ञों का कहना है कि जेट स्ट्रीम हवाओं ने राख को तेजी से भारत तक धकेला।

स्थानीय स्तर पर अफदेरा गाँव में मोटी राख जमी है। पशुपालक समुदायों के चारे पर संकट आ गया है। सल्फर डाइऑक्साइड गैस से वायु गुणवत्ता प्रभावित हुई, लेकिन अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी की प्रो. जूलियट बिग्स ने कहा, “यह दुर्लभ लेकिन संभावित घटना है। क्षेत्र में मैग्मा अभी भी सक्रिय है, भविष्य में और विस्फोट हो सकते हैं।” वैज्ञानिक अब राख के नमूनों से यह पता लगाने में जुटे हैं कि वाकई यह 12,000 साल बाद पहला विस्फोट था या नहीं।

फिलहाल विस्फोट थम गया है, लेकिन राख का बादल अगले कुछ दिन तक वायुमंडल में घूम सकता है।

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